आ माता चढ़ के शेर सवारी साढ़े घर आ माता,
दे दर्शन इक वारि तू साढे घर आ माता
भगता बनाया सोहना मंदिर जग दी ज्योत मंदिर दे अंदर,
सब नु लगे प्यारी साढ़े घर आ माता,
तू कर के शेरसवारी साढे घर आ माता
फुला दा मैं आसान लाया श्रद्धा दे नाल भवन सजाया,
संगत उडीके सारी साढ़े घर आ माता,
आ माता होके शेरसवारी आ माता
ध्वजा नारियल भेट चढ़ावा,
मेवे मिश्री भोग लगावा,
ओहदे भगत ने वारो वारि साढ़े घर आ माता,
तू करके शेर सवारी साढ़े घर आ माता,
दाती बक्शान हार है माँ तू,
सोनू दिता तार है माँ तू,
तेरे चरणों तो बलिहारी साढ़े घर आ माता,
जी कर के शेरसवारी साढ़े घर आ माता