श्याम थारी चोकठ पे आया हु मैं हार के,
लायक बना लो माहरे थारे दरबार के ,
हारियो का साथी ताने दुनिया बतावे है,
देख लो अठी ने कानी लाज माहरी रिजावे है,
कद सु खडू हु बाबा हाथ पसार के,
लायक बना लो माहरे थारे दरबार के ,
थक सु गयो हु बाबा,जग के ज्मेले में,
जियो गबरावे माहरो सोच के अकेले में,
कालजे लगा लो इब थे अवगुण विसार के,
लायक बना लो माहरे थारे दरबार के ,
सुख में तो जग यो सारो साथ निभाबे है,
पण दुखड़े में कोई नीडे नही आवे है
डगमग है नैया म्हारी बिना पतवार के,
लायक बना लो माहरे थारे दरबार के ,
थारो साथ पाके मैं भी जीना सिख जाऊँगा,
जे भी ठुकरा दोगा तो जी नही पाऊंगा
हार के आयो है बीनू दवारे सरकार के,
लायक बना लो माहरे थारे दरबार के ,