धन गुरु नानक धन गुरुनानक,
ऐसा लंगर रचाया जग ते भूखा न कोई रह पाया,
जिस ने पढ़ लई वाणी तेरी स्वर्ग दा राह पाया,
जाट पात न जानी सतगुरु मर्दाने नु नाल चलाया,
धन गुरु नानक धन गुरुनानक,
जेहड़ी जेहड़ी जगह तुसी पैर सीगे पाये ओथे आज भी स्थान बढ़े बढ़े ने,
टेक दे आ माथा तेरे दर उते जाके कई गरीबा दे तू घर वाले दीवे ने,
हथ अपना सादे सिर रखना होगी गलती माफ़ करि,
धन गुरु नानक धन गुरुनानक,
दानिया दा दानी जो दिता साहनु दान,
कदे बुलैया न तेरा उपकार जी ,
तेरा दिता खाइये तेरा शुक्र मनाइये कदे करिये न झूठा हंकार जी,
तेरा भाना मीठा लागे उठदे बहन्दे शुक्र करा,
धन गुरु नानक धन गुरुनानक,