रल मिल सारे सेवा करके मीठी मीठी वाणी पड़ के,
मन चरना नाल ला लाइए ,
मेरे सतगुरु बाबे नानक दा साढ़े पंज सो साल मना लिए,
कर्मा वाली धरती जिथे पैर गुरा ने पाया,
तेरा तेरा तोल के सब नु सच दा पाठ पढ़ाया,
सुलतान पुर लोधी जाके जी धूड़ माथे नु ला लिए ,
मेरे सतगुरु बाबे नानक दा साढ़े पंज सो साल मना लिए,
पिता गुरा दा मेहता कालू माँ त्रिप्ता दा जाया,
खुशिया वंड दी बहिन नानकी रब है नेड़े आया,
प्रकाश गुरा दा करके जी पालकी साफ़ सजा लिये,
मेरे सतगुरु बाबे नानक दा साढ़े पंज सो साल मना लिए,
हथ जोड़ के इक दूजे नु संगता दें वधाई,
सतगुरु नानक परगट होये जग होइयाँ रुशनाइयाँ,
ढिलो माल दे सूखे वांगु दर ते शीश जुका लिए,
मेरे सतगुरु बाबे नानक दा साढ़े पंज सो साल मना लिए,