तेरे ही भरोसे मैं ओ शाहो के शाह
तू चरणो से अपने ना करना जुदा
तेरे दर का कोई ठिकाना नहीं है
इस से बड़ा कोई खजाना नहीं है
मुझे अपने चरणो में देना पनाह
तू चरणो से अपने ना करना जुदा
भले हैं बुरे हैं, दर पे पड़े हैं
नसीबा लिए तेरे दर पे खड़े हैं
तेरे दर सा दर है जहाँ में कहाँ
तू चरणो से अपने ना करना जुदा
तू है पीर मेरा तू ही सतगुरु है
चरणो में जीवन बीते यही आरजू है
मुझे तेरे दर से है सब कुछ मिला
तू चरणो से अपने ना करना जुदा