मनवा जीवन का काहे करत घुमान,
मोह माया को तज के उसकी महिमा को ले जान,
मनवा जीवन का काहे करत घुमान,
खाल मॉस का पुतला तेरा फटियो की ये हवेली,
चल सांसो के रथ पे है रे ये जिंदगानी तेरी,
इक हवा का जोंका आये धरे रहे अरमान,
मनवा जीवन का काहे करत घुमान,
चुन चुन कंकर महल की खातिर खूब वहायो बसेरा,
अटल द्वार बंद कर ली ने अन्धकार कर लेना,
धन दौलत को भरम मान के कभी न जपेयो नाम,
मनवा जीवन का काहे करत घुमान,
कण कण उसकी ही माया है क्यों बण्यो अज्ञानी,
नाम सिमर से भटक गया तू कर बैठो नादानी ,
राज देव ये जग है सपना इस सच को ले मान,
मनवा जीवन का काहे करत घुमान,