डमरू वाले तिरशूल वाले गले में बैठा नाग,
कितना प्यारा है शिंगार सजा है भोले का दरबार,
हम को भोले पे इतवार,
मेरे भोले भंडारी करे बस हां की सवारी,
करो किरपा हे अघोरी हाथ जोड़े दुखियारी,
मेरे मन में तू ही विराजे दर्शन देदो आज,
कितना प्यारा है दरबार सजा है भोले का दरबार ,
हम को भोले पे इतवार,
आँख तो खोलो भोले लाया हु भांग के गोले,
तुम्ही संसार के रक्षक पहनते हो मिरगा के चोले,
समज गये मेरे मन की ईशा पूरी करदो आस,
कितना प्यारा है दरबार सजा है भोले का दरबार ,
हम को भोले पे इतवार,