एक बार मैरे भोले, घर मेरे चले आना,
किस्मत मेरी सोई है, भोले आकर जगह जाना,
श्रीराम ने गुड़ गाकर, भोले तुमको मनाया था,
जीती थी तभी लंका, रावण को हराया था,
आती ना हमें भक्ति, भोले आकर बता जाना,
एक बार मेरे भोले, घर मेरे चले आना,
हम भांग धतूरा भी, भोले तुमको चढ़ा देंगे,
जैसा बने वैसा, हम भोग लगा देंगे,
दुखिया की अरज सुन ले, कहे तेरा दीवाना है,
एक बार मेरे भोले, घर मेरे चले आना,
एहसान तेरा हम तो, कई जन्मों ना भूलेंगे,
तुझको ही सदा भोले, हर जन्म पूजेंगे,
किस्मत मेरी सोई है, भोले आकर जगह जाना,
एक बार मेरे भोले, घर मेरे चले आना,
लेखक. सुनील यादव
ग्राम पिपलिया जाहिर पीर
मोबाइल नंबर 744034 08611