आई आई रे...आई आई रे...
आई आई दादी वालों की दिवाली,
चालो झुंझुनू बुलाये झुंझनवाली |
भादवे को मेलो यो तो बड़ो अलबेलो,
झुंझुनू से आयो म्हारी दादी जी को हेलो,
भादी-मावस की...भादी-मावस की...
भादी-मावस की महिमा निराली,
चालो झुंझुनू बुलाये झुंझनवाली |
धोरा री धरती में सज रयो दादी को दरबार,
" सौरभ मधुकर " दादी वाला हो जाओ तैयार,
नमो नारायणी...नमो नारायणी...
नमो नारायणी गाओ दे-दे ताली,
चालो झुंझुनू बुलाये झुंझनवाली |
आई आई रे...आई आई रे...
आई आई दादी वालों की दिवाली,
चालो झुंझुनू बुलाये झुंझनवाली |
भजन गायक - सौरभ मधुकर
भजन रचयिता - सौरभ मधुकर
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