महसर जाके मैया मेरी मौज हो गई,
होली और दिवाली मेरी रोज हो गई,
तेरे नाम का डीप जलाया बिन मांगे मैंने सब कुछ पाया,
तुझको पाके पूरी मेरी खोज हो गई,
होली और दिवाली मेरी रोज हो गई,
तेरे नाम से रंगली चुनरिया,
उतरे न रंग धोऊ सारी ऊमारियाँ,
सब कुछ तू ही मेरी सोच होगई,
होली और दिवाली मेरी रोज हो गई,
दीप भुजे न कभी रंग उतरे ना श्याम कहे तेरा मेरा साथ छूटे न,
बिन तेरे ज़िंदगानी भोज हो गई,
होली और दिवाली मेरी रोज हो गई,