मिल रहा है प्यार कितना दादी तेरे धाम,
क्यों रहु मैं दूर तुझसे प्यारी मेरी माँ,
चुनड़ी के पल्ले से छाव करदे माँ,
ममता की गोद में बिठा ले मेरी माँ,
तुझसे चलती नैया मेरी करती न परवाह तू मैया मेरी,
माझी बन जाए आके इक बार मेरी माँ,
ममता की गोद में बिठा ले मेरी माँ,
दुःख में सताये मैया याद ये तेरी,
लाज ये बचालो मैया आके ये मेरी,
दर पे आने वालो की तुम बात रखना,
ममता की गोद में बिठा ले मेरी माँ,
तू जगदम्बे माँ झुंझनू वाली,
जग सारा जाने तू शेरोवाली,
सुन ले मैया सुरभि पे तू किरपा करदे माँ,
ममता की गोद में बिठा ले मेरी माँ,