जब प्राण तन से निकले

इतना तो करना स्वामी जब प्राण तन से निकले,
गोविन्द नाम ले के कब प्राण तन से निकले
इतना तो करना स्वामी जब प्राण तन से निकले,

श्री गंगा जी का तट हो यमुना का वंशी वट हो ,
मेरा संवारा निकट हो जब प्राण तन से निकले,
इतना तो करना स्वामी जब प्राण तन से निकले,

पीताम्बरी कसी हो छवि मन में वसी हो,
होठो पे कुछ हसी हो जब प्राण तन से निकले,
इतना तो करना स्वामी जब प्राण तन से निकले,

जब कंठ प्राण आये कोई रोग ना सताये,
यम दर्श न दिखाए जब प्राण तन से निकले,
इतना तो करना स्वामी जब प्राण तन से निकले,

उस वक़्त जल्दी आना,नहीं श्याम भूल जाना
राधे को साथ लाना जब प्राण तन से निकले,
इतना तो करना स्वामी जब प्राण तन से निकले,

श्रेणी
download bhajan lyrics (921 downloads)