आजा नैनो में समा जा मेरे राम,
मैं दुखियारी कर पथ हारी,
तेरे दर्श की पीड़ा हरी भारी,
पलख उठा ता नहीं जपकत नाही,
बात निहारु सुबह शाम,
आजा नैनो में समा जा मेरे राम,
मेरो सुख श्री राम चरण में,
लगन लगाके उनमे रहे जी मगन में,
मेरो सब धन तुम को अर्पण,
इक अनमोल मेरो रामा
आजा नैनो में समा जा मेरे राम,
रोम रोम में राम वसायो ,
दर्श न जिनको अब तक पायो,
भूल गई मैं दुनिया दारी,
रटत रटत तेरो नाम,
आजा नैनो में समा जा मेरे राम,