सासरी मैं न जाऊ मेरी माँ मेरो मन लाग्यो राम के भजन में
राम के भजन में राम के भजन में
सासरी मैं न जाऊ मेरी माँ
ना भाये मोहे हरी हरी चूड़ी ना भाये मोहे कंगना
बोल दे माँ तू पिया से जाके जाऊ न मैं संग न
बिलकुल साच बताऊ मेरी माँ
मेरो मन लाग्यो राम के भजन में
नैनो में है छवि राम की मन में श्याम समायो
मिथ्या है संसार सभी ये मोहे रास न आयो
कैसे अब समजाऊ मेरी माँ
मेरो मन लाग्यो राम के भजन में
न रश्मी को आज बिसरियां बातो में उल्जावे
रंग चडा जिस पर भगती का कोई रंग न भावे,
और न अब खरमाऊ मेरी मेरो मन लाग्यो राम के भजन में