विघ्नेश्वराय वरदाय सुरप्रियाय,
लम्बोदराय सकलाय जगद्धिताय,
नागाननाय श्रुतियज्ञविभूषिताय,
गौरीसुताय गणनाथ नमो नमस्ते l
हे जग वंदन गौरी नंदन, नाथ गजानन आ जाओ ll
*शिव शंकर के राज दुलारे ll, आ के दर्श दिखा जाओ,
हे जग वंदन गौरी नंदन,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
रिद्धि सिद्धि के, स्वामी हो तुम, 'शुभ और लाभ के, दाता हो' l
एक दंत हो, दयावन्त हो, 'तुम ब्रह्मण्ड के, ज्ञाता हो' l
*विघ्न विनाशक, नाम तुम्हारा ll, मेरे विघ्न मिटा जाओ,
हे जग वंदन गौरी नंदन,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
सब देवों में, सब से पहले, 'होती तेरी, ही पूजा' l
तीनों लोकों, में हे स्वामी, 'कोई नहीं, तुमसा दूजा' l
*मुछक की, करके असवारी ll, लडडूयन भोग लगा जाओ,
हे जग वंदन गौरी नंदन,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
हम सेवक, नादान तुम्हारे, 'भजन भाव, कुछ न जाने' l
इस संसार में, सब से ज्यादा, 'देवा बस, तुमको माने' l
*त्यागी/ज्योति की यह, बिनती सुन लो ll, कारज सफल बना जाओ,
हे जग वंदन गौरी नंदन,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
अपलोडर- अनिलरामूर्तीभोपाल