गणपति अष्ट विनायक तेरी भक्ति में है शक्ति,
तेरी प्रथम करे जो पूजा मिले उसी को मुक्ति,
भादो शुकल चतुर्थी के दिन घर घर में तुम आते,
बेठ के मोदक लगा ते भक्तो के मन भाते,
आँखों में तेरी करुना की प्यारी शवि झलकती,
तेरी प्रथम करे जो पूजा मिले उसी को मुक्ति,
गणपति देवा ओ गणपति देवा...
शिव के प्यारे लाड़ाले माँ के तुम हो जग से न्यारे,
जो भी पुकारे तुम्हे संकट में आके उन्हें बचा ले
तुम हो दया के सागर प्रभु जी देदो मन की तृप्ति,
तेरी प्रथम करे जो पूजा मिले उसी को मुक्ति,
गणपति देवा ओ गणपति देवा...
भक्त अनेको नाम से बाबा तुम को रोज पुकारे,
देते हो हर मोड़ पे तुम अपने भक्तो को सहारे,
दीं हीन और निबल सबपे तेरी किरपा बरसती
तेरी प्रथम करे जो पूजा मिले उसी को मुक्ति,
गणपति देवा ओ गणपति देवा...