लाल लंगोटे वाले अंजनी के लाल प्यारे कब से खड़ा मैं तेरे द्वारे,
म्हारी विनती सुन लो कब से खड़ा मैं तेरे द्वारे,
सालासर वाले कब से खड़ा मैं तेरे द्वारे,
काटो संकट विकट खोलो पट झट जपु नाम मैं साँझ सकारे,
लाल लंगोटे वाले अंजनी के लाल प्यारे कब से खड़ा मैं तेरे द्वारे,
बजरंग बलि है मारुती सुत है नाम तेरा मंगल कारी,
तेरा भजन करे तो भय भागे भग्तो के सदा हो हित कारी,
बल बुद्धि के भंडार हार लेते हो विकार सिया राम के आप दुलारे ,
लाल लंगोटे वाले अंजनी के लाल प्यारे कब से खड़ा मैं तेरे द्वारे,
विकराल जो रूप धरा तुमने लंका में हां हां कार मची,
उड़ कर तुम पर्वत ले आये लक्ष्मण भैया की जान बची,
किये अध्भुत काम खुश हुए श्री राम संकट मोचन पुकारे,
लाल लंगोटे वाले अंजनी के लाल प्यारे कब से खड़ा मैं तेरे द्वारे,
मैं अदम हु मूरख अज्ञान पूजा का ढंग नहीं जानू,
तुम विनती सुन लो पना की इक बस अपना बस तुम को मानु,
आया दुनिया से हार अटका हु मैं मजधार बनो सरली के खेवन हारे,
लाल लंगोटे वाले अंजनी के लाल प्यारे कब से खड़ा मैं तेरे द्वारे,