चूरमा देसी घी में बणा के, जयकारा बालाजी का ला के,
चूरमा देसी घी में बणा के, जयकारा बालाजी का ला के,
सारी दुनियाँ ने वा भूलगी, बाबा ने वा दिल में बसा के,
हाथ में ध्वजा वो ले बाबा की, वा तो लहराती चाली,
ढलके ना बाबा के रंग में, भर री स वा पूरी उमंग में,
जाटणी मेहंदीपुर चाली, जाटणी मेहंदीपुर चाली,
जाटणी मेहंदीपुर चाली, जाटणी मेहंदीपुर चाली।
राह में चलती सब ने ही तो वा जय बाबा की बोले,
खो गी ऐसी बाबा की भक्ति मैं वा तो डोले.....-2
भूलगी सारे दुःख दर्दा ने, आगी चेहरे पर लाली,
रंग के ना बाबा के रंग में, भर रही स वा पूरी उमंग में,
जाटणी मेहंदीपुर चाली, जाटणी मेहंदीपुर चाली,
जाटणी मेहंदीपुर चाली, जाटणी मेहंदीपुर चाली।
रोम रोम में उसने तो बाबा का रूप बसाया,
ठाट बाट पुरे उसपे होगी बाबा की छाँया.....-2
रोम रोम में उसने तो बाबा का रूप बसाया,
ठाट बाट पुरे उसपे होगी बाबा की छाँया,
बाबा के चरणों में जगह बना के, सारी चिंता ही मिटा ली,
रंग के ना बाबा के रंग में, भर रही स वा पूरी उमंग में,
जाटणी मेहंदीपुर चाली, जाटणी मेहंदीपुर चाली,
जाटणी मेहंदीपुर चाली, जाटणी मेहंदीपुर चाली।
हो बाबा की मस्ती में, बा यात्रा करगी पूरी,
भोग लगा बाबा का वा तो, घणीए राजी हो री....-2
कहे करिश्मा उसने दर की धूल वा माथे पे ला ली,
रंग के ना बाबा के रंग में, भर रही स वा पूरी उमंग में,
जाटणी मेहंदीपुर चाली, जाटणी मेहंदीपुर चाली,
जाटणी मेहंदीपुर चाली, जाटणी मेहंदीपुर चाली।