दादा का, दरबार सुहाना, लगता है ll,
भक्तों का तो, दिल दीवाना, लगता है ll
पल भर में, मन को, लुभाती है मूर्त ll,
करुणा का, भंडार प्यारा, लगता है, 
दादा का दरबार ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
हमने तो, बड़े प्यार से, पूजा रचाई है, 
पूजा में, दादा तेरी, मूर्त सजाई है ll
मोह माया, लोभ के, काँटों की ये चुभन, 
लोभ की, अग्नि में शीतल, है तेरा दर्शन l 
दर्शन दर्शन, दर्शन दर्शन ll
दर्शन,, तेरा दर्शन, दर्शन,, तेरा दर्शन ll 
दर्शन दर्शन, दर्शन दर्शन ll  
दर्शन, तेरा दर्शन,,, हो, तेरा दर्शन, 
नाकोड़ा मंदिर, सुहाना लगता है ll, 
भक्तों का तो, दिल दीवाना, लगता है l
पल भर में, मन को लुभाती, है मूर्त,
करुणा का, भंडार प्यारा, लगता है, 
दादा का दरबार ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
तूँ मेरी मंज़िल, मेरे दिल की, है तूँ धड़कन, 
राह में, मेरे पड़ी, पापों की यह उलझन ll
टूट जाएंगे, ये सारे, कर्म के बंधन, 
सतगुर कहते हैं, करलो भाव से वंदन l
अच्छा lll हमको, तुम्हे बुलाना, लगता है,
भक्तों का तो, दिल दीवाना, लगता है l
पल भर में, मन को लुभाती, है मूर्त,
करुणा का, भंडार प्यारा, लगता है, 
दादा का दरबार ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
रंग बिरंगे, फूलों की, लड़ियाँ लगे प्यारी, 
दादा जी, तेरी सूरत, हमको लगे प्यारी ll
हम तेरी, राहों में दादा, खुद विछ जाएंगे, 
सारी जिंदगी, दादा तेरी, महिमा गाएंगे l
अच्छा lll हमको, तेरे दर पे आना, लगता है,
भक्तों का तो, दिल दीवाना, लगता है l
पल भर में, मन को लुभाती, है मूर्त,
करुणा का, भंडार प्यारा, लगता है, 
दादा का दरबार ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
अपलोडर- अनिलरामूर्तिभोपाल