गर जोर मेरो चाले, हीरे मोत्यां सु नज़र उतार दूँ,
चाईया वारे लूण नहीं बाबा,सोना चाँदी वार दूँ,
गर जोर मेरो चाले.....
प्यारा प्यारा भैरुजी का, खूब सजा दरबार,
सोणा सोणा चाँद का टुकड़ा,लागे है सरकार,
काली टिकी लगावन खातिर,सूरज नीचे उतार दूँ,
गर जोर मेरो चाले.....
नाकोड़ा नगरी आवा, भेरू रा दर्शन पावा,
म्हारा नाकोड़ा सरकार,थ्यापर वारी वारी जावा,
नाकोड़ा रा दादा, थारी शरण में आ गयो,
भेरूदादा रूप थारो,नैणा में समा गयो,
सज धज बैठा मेवानगर में,भैरुजी महाराज,
नाकोड़ा रा राजा रा म्हे, खूब करा शिंगार,
आसमान रा तारा तोड़न, तारा मुकुट में टांग दूँ
गर जोर मेरो चाले.....
दीनानाथ मेरी बात ,टाल्या कोनी तेरे से,
आखड़ली चुरा के दादा,जासी कठे मेरे से,
बिसरावै मति दादा,हार मानी तेरे से,
आखड़ली चुरा के दादा जासी कठे मेरे से,
म्हारे सर पे है भैरुजी रो हाथ,इन डोकरा रो हाथ,
कोई तो म्हारो कई करसी,
मातर सुखड़ी थारे भैरुजी,तेल चढे रविवार,
त्रिशूल खपर हाथ में डमरू,पगे गुंगरू री माल,
इन अखियन को गुंगरू बनाकर,थारा चरण में बाँध दूँ
गर जोर मारो चले.....
Uploaded by - Ganesh R. Singhvi
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