ना ज्यादा न कम मने इक बार चाहिए,
मने तो खाटू वाले श्याम का दीदार चाहिए,
दुनियादारी बड़ा झमेला मेरे समज न आवे,
जब से देखा खाटू से मने श्याम नजर की आवे,
श्याम धनि के इतर की महकार चाहिए,
मने तो खाटू वाले श्याम का दीदार चाहिए,
हर ग्यारस में बाबा की खाटू नगरी जाऊ
झूम झूम के श्याम धनि के भजना में खो जाऊ,
बस लीले घोड़े वाले का मने प्यार चाहिए,
मने तो खाटू वाले श्याम का दीदार चाहिए,
श्री श्याम बहादुर रेवाड़ी हरयाणा के ये भाई,
खाटू वाले श्याम की सब से पेहले अलख जगाई,
मोरछड़ी की मने बस फटकार चाहिए,
मने तो खाटू वाले श्याम का दीदार चाहिए,