आज कलयुग में चमत्कार तुमने सुना है,
शनि शिंगणा पुर गांव इक तीर्थ बना है,
है पुरानी बात बारी बरसात हुई,
स्वयं शनि मूर्ति पेड़ को जो अटक गई,
ग्वाले ने उसे लड़की से टोक दियां,
पत्थर को हुआ जख्म खून देख लिया,
गांव वालो ने इक अजब गजब सुना है,
शनि शिंगणा पुर गांव इक तीर्थ बना है,
इक भगत को शनि देव ने दुष्टांक दिया,
मैं शनि हु ये पत्थर का मैंने रूप लिया
मामा भांजे ने रखी मूर्ति अपनी गाडी पर,
हो गया गांव का रखवाला शनि परमेश्वर,
नगर वालो ने अचम्बे से किसा सुना है,
शनि शिंगणा पुर गांव इक तीर्थ बना है,
बिन मंदिर का देवता खड़ा है शनि राजा,
नहीं ताला नहीं घर को दरवाजा,
गेहने कीमती खुले में रखे जाते है,
चोरी होती नहीं है चोर चखमकाते है,
शहर वालो ने इक इक पहलु सुना है,
शनि शिंगणा पुर गांव इक तीर्थ बना है,
ऐसे शिंगणा पुर में आओ भाव भगति से,
लेलो वरदान शनि की अमोग शक्ति से,
यहा विघ्याँ शरण आता है दुनिया का,
भगतो को ज्ञान मिटा है आत्मा का,
दुनिया वालो ने कीर्ति का धनका सुना है
शनि शिंगणा पुर गांव इक तीर्थ बना है,