तेरे दर जो आया है माँ,
वो खाली कभी न गया,
तेरे गुण जो गाउँदा है माँ ,
उसका कल्याण तूने किया,
ऊचे पहाड़ों में बैठी मेरी वो मैया,
ओ डूबती देखे जब नैया बन जाती खुद खवइयाँ
जो शरण में आया है माँ,
हाथ खुशियों का तूने धरा,
तेरे दर जो आया है माँ,
सब पे किरपा करदो माँ भरदो खाली झोली,
संग सागर के आएंगे दरबार में बन के टोली,.
जग का ठुकराया माँ हाल उसका है तूने सुना,
तेरे दर जो आया है माँ,
जग जननी भोली मिया तेरी शान निराली,
कोई कहे तुझे माई कालका कोई झंडे वाली,
तेरा शुक्र गुजार माँ आया कैलार सिर को झुका,
तेरे दर जो आया है माँ,