तोरे माथे पे बिंदियाँ गजब चमके रे मारे रे लश्कारे,
सज धज के तू बेठी भवानी जगदम्बे संतोषी रानी,
कोई त्तुम को लगाये मेहँदी,
कोई तुमको लगाये टीका
कोई तेरे करे जय कारे कोई तेरी आरती उतारी
कोई तेरे चरण पखारे कोई करता है अरदास
तेरे कानो का झुमका चमक मारे
हाए मारेगा लश्कारे
हम तो दुखियां आये द्वारे हम को अपने गले से लगा ले
हम तो तेरी बाट निहारे तुझसे कर ते है जय कान
तेरे चरणों पखारे रानी तेरे आये हम तो द्वार
तेरे पैरो की पायल छनक छमके माये मारे गे लश्कारे