दूर भवन मत जाओ मेरी मैया आज तुम्हारा पूजा का दिन है
सपने मेने बृह्मा को देखा वैद पढ़ा रहे मेरे अंगना,
संग में सरस्वती को भी लाये ज्ञान सीखा रहे मेरे अंगना
दूर भवन ,..........
सपने में मेने विष्णू को देखा ।चक्रधर चला रहे मेरे अंगना,
संग में लक्समी को भी लाये, धन बरसा रहे मेरे अंगना
दूर भवन........
सपने मैं मैंने भोले को देखा डमरू बजा रहे मेरे अंगना
संग में गौरा को भी लाये, यश बढ़ा रहे मेरे अंगना
दूर भवन..........
सपने मैं मैने रामा को देखा धनुष चला रहे मेरे अंगना
संग में सीता को भी लाये मर्यादा सीखा रहे मेरे अंगना
दूर ........
सपने में मै्ने श्यामा को देखा मुरली बजा रहे मेरे अंगना
संग में राधा को भी लाये रास रचा रहे मेरे अंगना
दूर ..........
सपने में मैनै सखियों को देखा कीर्तन करा रहे मेरे अं आना
संग में संगत को भी लाये भजन सुना रही मेरे अंगना
दूर ..........
सपने में मैने मैया को देखा दर्शन दे रही मेरे अंगना
संग में बजरंग को भी लायी पार लगा रही मेरे अंगना
दूर .....