तेरे बरसाने में जो सकून मिलता है,
वो कही और नही मिलता लाडली,
तेरी करुना का अमृत जो वरसे यहाँ,
वो कही न बरस ता मेरी लाडली,
तेरे बरसाने में जो सकून मिलता है,
यहाँ फूलो में खुशबु तेरे नाम की,
चर्चा घर घर में है श्यामा और श्याम की,
प्रेम भक्ति का जोर्थ झलकता यहाँ,
वो कही न झलकता मेरी लाडली,
तेरे बरसाने में जो सकून मिलता है,
इक अजब सी मस्ती हवाओं में है
मीठी मीठी मेहक इक फिजाओं में है,
मन का पंशी है जैसे चेहकता यहाँ,
वो कही न चेह्कता मेरी लाडली,
तेरे बरसाने में जो सकून मिलता है,
कैसी अध्बुत छटा इन नजारों में है,
गूंजती बांसुरी इन बहारो में है,
मन के उपवन में जो फूल खिलता यहाँ,
वो कही और खिलता नही लाडली,
तेरे बरसाने में जो सकून मिलता है,
श्याम चरणों की रज में वो तासीर है,
दास पल में बदल देती तकदीर है,
मेरा मन आके जैसे बेहाल ता याहा,
वो कही न बेह्लता मेरी लाडली,
तेरे बरसाने में जो सकून मिलता है,