मालिक श्याम है मैं हूँ नौकर,
इतनी तन्खा पाता हु,
पलता हु परिवार को हस के लाख लाख शुक्र मनाता हु,
मालिक श्याम है मैं हूँ नौकर...
सेवा के हु मैं भी श्याम ने जब पहचाना मुझे,
देदी नौकरी सँवारे ने सेवक अपना माना मुझे,
मैं हु नौकर जगत सेठ का हजारी रोज बचता हु,
मालिक श्याम है मैं हूँ नौकर....
साहूकार ना दूजा जग में श्याम के जैसा देखा है,
सेवा में जो भी है इनकी चमकी किस्मत रेखा है,
श्याम ही अपना सच्चा साथी बचो को समझता वो,
मालिक श्याम है मैं हूँ नौकर....
हारे का है साथी बाबा मैंने जबसे जाना है,
हारे हुए का साथ निभाओ मैंने भी ये जाना है,
खाटू धाम का रास्ता मैं तो मजबूरो को दिखता हु,
मालिक श्याम है मैं हूँ नौकर....
इतनी तन्खा देता बाबा घर में रोज दिवाली है,
पड़ी जरूरत टोनी को बात कभी ना ताली है,
चोखानी मैं सवारिये की जोत को मन में जलाता हु,
मालिक श्याम है मैं हूँ नौकर....