मैया के चरणों को छू कर,
पवन सुहानी आई है लगता है कटरा से मेरा वो संदेसा लाई है ,
बुलावा आया है माँ ने बुलाया है,
शुक्र मनाऊ मैया तूने संदेसा भिजवाई है,
तेरे दर्शन पाने को माँ ये अरमान जगाया है,
आज मुरादे मन की पूरी होने आई है ,
लगता है कटरा से मेरा वो संदेसा लाई है ,
तीन पिंडी रूपों में मेरी मैया रानी वस्ति है ,
उनके दर्शन पाने को मेरी अखियां ये तरस ती है
मैया तेरे नाम की मन में कब से ज्योत जगाई है,
लगता है कटरा से मेरा वो संदेसा लाई है ,
लक्ष्मी धन की देवी माँ है श्रद्धा ज्ञान की देवी है
काली मैया बैठे बैठे काल को भी हर लेती है ,
तीनो शक्ति ने मिल कर सब की विपदा मिटाई है,
लगता है कटरा से मेरा वो संदेसा लाई है ,