टिकट हरयाणे तै मन्ने जम्मू की कटवाई
मैं धोकन जाउंगी मन्ने याद करे मेरी माई
सास मेरी जावे ससुर मेरा जावे
गैल मैं जावेगा मेरी सगी हे ननद का भाई
हलवा पूरी भोग बनाया संग सोलह सिंगार सजाया
किनारी गोटा ला मन्ने चुनरी लाल सजाई
खुश होज्या म्हारी देवी माई हो ज्यागी म्हारी मन की चाही
भवन पै जाउंगी मैं चढ़ कै कठिन चढ़ाई
आकै जगराता करवाऊं देवी दयाल शर्मा नै बुलाऊँ
हे मित्तल पै जाकै मन्ने माँ की भेंट लिखाई