मेरे घर माता की चौंकी

मेरे घर माता की चौंकी भगतो सारे आना आना जी तुम सारे आना,
सोये जागे भाग तुम्हारे मैया सब को आज पुकारे,
अपनीया झोलियाँ पसारे भगतो सारे आना,
मेरे घर माता की चौंकी भगतो सारे आना

खोये हुये सुखो का खजाना मिल जाए गा,
सब की उमीदो का चमन खिल जाए गा,
रोती हुये गए जब अम्बा माँ हसायेगी,
सुखी हुये पेड़ो पे बहार आ जाए गी,
नैया जीवन की पिया रे छोड़ो उसी के सहारे वो लाये गी किनारे
भगतो सारे आना,

आसरा पा आसरे को देने वाली वो है,
भगतो की करती सदा रखवाली वो है ,
आशा की निराशा वो ज्योत जलाती है,
पल में फकीरो को वो शहंशाह बनाती है,
नाम माँ का जो उचारे आये श्रद्धा से इस द्वारे,
अम्बा सब के काज सवारे भगतो सारे आना,

मिटी में भी चन्दन की मेहक भर देगी,
अध्यारे घर में उजाला कर देगी,
भावना की डोर से ही उसे भांध लेना,
निर्दोष माँ से माँ से मांग लेना,
मैया आ गी घर हमारे देगी तोड़ गगन के तारे,
दाती सब के कष्ट निवारे भगतो सारे आना
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