अब तो झूठा लगता है सब संसार,
मैं आया तेरे द्वार तू पा प्रबु का दीदार,
अब तो झूठा लगता है सब संसार,
कभी मिले अमृत तो कभू भाजे ढोल है,
भगती के मिले मुझे मोती अनमोल है,
लगी मेरी नैया पार हुआ प्रभु का दीदार,
अब तो झूठा लगता है सब संसार,
तुम ने खिलाई मेरे मन की ये कलियाँ ,
नाम से है महकी ये सांसो की गलियां,
मिला जीवन का साह हुआ प्रभु का दीदार,
अब तो झूठा लगता है सब संसार,
देदी इस जुबान ने तो झूठ को विधाई है,
रहमत तुम्हारी मुझे मंजिल पे लाइ है,
बने तुम पालनहार हुआ प्रभु का दीदार,
अब तो झूठा लगता है सब संसार,
बंधन जो बाधा तुमने अब कभी टूटे न,
रखना दया ये आशु दर तेरा छुटे न,
यही गाऊ हर बार हुआ प्रभु का दीदार,
अब तो झूठा लगता है सब संसार,