मैया जी आई मैया जी आई शेर पे सवार होके मैया जी आई,
ऊंचे पहाड़ो से आई है शेर पे सवार होके आई है,
मैया जी आई मैया जी आई
माथे बिंदी नाक में नथनी हाथो में मेहँदी साजे है,
नैनो में काजल कानो में वाली पाओ में पायल भाजे है
सोल्हा शृंगार करके आई है शेर पे सवार होके आई है ,
मैया जी आई मैया जी आई
फूल भी लाये माले भी लाये चड़ावे के माई की चरनन में,
पैदल ही चढ़ गए उची पहड़िया मेहर माई के आंगन में,
मैया ने खुशिया लुटाई है शेर पे सवार होके आई है,
मैया जी आई मैया जी आई
नगरी सजी है द्वारे सजे है चहु और लगे जैकारे है,
होम हवन और कन्या भोजन हर जगह याहा भंडारे है.
शरद ने बांटी मिठाई है शेर पे सवार होके आई है,
मैया जी आई मैया जी आई