माँ मनसा देवी झोली मेरी आज भरदे,
तेरे मंदिर मे आया हूँ बेड़ा पार करदे,
सब जग को सुख देने वाली,
एक आग्या और नया सवाली,
तुजसे आ यह अर्ज लगा ली ,
भरदो माँ मेरी झोली खाली ,
निर्धन को देकर माया कंगाली हरदे ,
तेरे मंदिर मे आया हूँ बेड़ा पार करदे
ज्ञान नही मुझे कुछ भी धर्म का,
मै हूँ बिलकुल हीन कर्म का,
पुतला हूं एक हाड चर्म का ,
ताला खोल माँ मनसा भरमा का,
इन भगतो में माँ मेरा भी एक नाम जड़दे,
तेरे मंदिर मे आया हूँ बेड़ा पार करदे
माँ मनसा यह आश पुगादो,
अपने रूप की झलक दिखदो,
किस्मत का तारा चमकादो ,
सोया पड़ा मेरा भाग्य जगादो,
दर्शन देके दिल को माँ खुशी से भरदे,
तेरे मंदिर मे आया हूँ बेड़ा पार करदे
धन्य हुआ माँ मै यहां आकर ,
तेरे द्वारे का अमृत पाकर,
विजय ब्राह्मण को कहूँ जाकर,
माँ की महिमा सुनाओ गाकर,
अज्ञान वाले हटेगें सभी के परदे ,
तेरे मंदिर मे आया हूँ बेड़ा पार करदे