मेरे घर भी आ जाना माँ हम जब भी तुझसे बुलाएंगे,
दर्शन मुझको दे जाना माँ हम जब भी तुझे भुलायेंगे,
हम चुनरी तुझे चढ़ाये गे फूलो से तुझे सजायेंगे,
मेरे घर भी आ जाना माँ हम जब भी तुझसे बुलाएंगे,
मैं मांगू तुझसे माँगन आ जाओ मेरे घर आँगन,
मुझे ना छूटे मियां जब पकडू तेरा दामन,
आरत की थाल सजा के हम कब से खड़े है आके,
इतने खुश है हम मियां हम घर पे तुझे भुला के,
तू देर न कभी लगाना माँ
मेरे घर भी आ जाना माँ हम जब भी तुझसे बुलाएंगे,
हम कब से खड़े है मैया अपना घर वार सजा कर,
अब धन्य करो माँ कुटियाँ मुझ नॉर्दन के घर आकर,
विनती दे दे के नाते अब देर करो न माते,
मुझे पता है मैया सब दर तेरे है आते ,
मुझ निर्धन से मिल जाना माँ,
मेरे घर भी आ जाना माँ हम जब भी तुझसे बुलाएंगे,