झूलो रे माहरा प्यारा रे सांवरियां थाणे जुलावे राधा प्यारी
रिमझिम रिमझिम बदरी बरसे
रेशम खीर सरो को तरसे,
मन में लगन लागी भारी
थाणे जुलावे राधा प्यारी
सावन मॉस सुहानो आयो
भाव चोगनो मन हरशायो
झूम चली ब्रिज की नारी
थाणे जुलावे राधा प्यारी
थारो पीताम्बर उड़ उड़ जावे
म्हारा मन में प्रीत जगावे,
सखियाँ हस हस देवे तारी
थाणे जुलावे राधा प्यारी
वन वन पंशी कर ते कोलाहर
सत्य शरण में थे प्रती पालक,
चरण कमल की बलिहारी
थाणे जुलावे राधा प्यारी