फरयाद मेरी सुन के हे श्याम चले आना ,
करू विनती यही बाबा चरणों में जगह देना
फरयाद मेरी सुन के हे श्याम चले आना
इक तू ही तो है अपना जग सारा बेगाना है
करदे दिल का दुखती बस तुम को सुनाना है
अंधियारा है मन मेरा इक ज्योत जला देना
फरयाद मेरी सुन के हे श्याम चले आना
अरदास मेरी सुन के थोड़ी सी रहम करना
मेरा खाली पड़ा दामन भगती से इसे भरना
अपने दर के भिखारी को यु न ठुकरा देना
फरयाद मेरी सुन के हे श्याम चले आना
केहते है सभी जग में नही तुम सा कोई दानी
तूने त्याग दिया था जो नही उसका कोई सानी
हम बालक तेरे नादान जरा हम पे कर्म करना
फरयाद मेरी सुन के हे श्याम चले आना