रंग डार गयो री मोपे सांवरा मर गयी लाजन में हे री मेरी बीर, मैं क्या करूँ होरी में मारी तान के ऐसी मोपे पिचकारी मेरो भीजो तन को चीर, मैं क्या करूँ होरी में पागल के ‘चित्र विचत्र’ संग लीला भाई यमुना के तीर, मैं करूँ सजनी होरी में