बरसने में रहने से राधे राधे केहने से

बरसने में रहने से राधे राधे केहने से
तेरी पल में मुक्ति हे जायेगी,

वेदो का सार है राधे मोहन का प्यार है राधे,
अविरल रस की धार है राधे करती भव से पार है राधे,
सच्चे मन से गा राधे कट जायेगी भव व्यादे ,
तेरी पल में मुक्ति हे जायेगी

राधे राधे जप श्याम मिले जीवन में अचल विश्वाश मिले,
बस थोड़ी जुबा हिलानी है
इस में क्या तेरी हानि है,
क्यों भटके रंग रलीयां में
तू झूम ले ब्रिज की गलियां में ,
तेरी पल में मुक्ति हे जायेगी

जप स्वास स्वास राधे राधे विश्वाश आस राधे राधे,
बिन राधे श्याम मिले न कभी
मुरझाये फूल खिले न कभी,
किरपा जो मिले ठुकराणी की तो शुभ वेला जिंदगानी की ,
तेरी पल में मुक्ति हे जायेगी
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