ज्योति जगा लो सिर को जुका लो
मन चाहा वर माँ से पा लो मैया दीदार दे रही है
भगतो को प्यार दे रही है
जगराते की रात है आई सारी रात जगाए गे
महारानी को मिल कर के भगतो भजन सुनाये गे
गणेश मना लो वीरा गा लो हाथ उठा के ताली बजा लो मैया दीदार दे रही है
भगतो को प्यार दे रही है
मैया का शिंगार करेगे हम इसनान करवायेगे
हलवा पूरी मेवा मिश्री का हम भोग लगायेगे
चुनरी चड़ा लो माँ को सजा लो सोने का तुम छत्र चड़ा लो
मैया दीदार दे रही है भगतो को प्यार दे रही है
भोर हुई तुम कथा सुनाओ भगतो तारा रानी की
धुप दीप से करो आरती पहाडा वाली रानी की
झोली फेला लो गोदी भरा लो लंगूर इक नो कन्या बिठा लो
मैया दीदार दे रही है भगतो को प्यार दे रही है