तर्ज : साँई नाम जपते जपते
बोलो राधेश्याम राधेश्याम
जपो राधेश्याम रटो राधेश्याम
भजो राधेश्याम
मिश्री रे से मीठा है बस एक नाम ,
रटो राधे श्याम प्यारे जपो राधे श्याम ,
तन मन को करता पावन यही एक नाम,
रटो राधेश्याम प्यारे जपो राधेश्याम,
जिस 2 ने भी ये नाम रटा है
भव सागर से वो पार हुआ है
हर उलझन से ये ही बचाए
शाम सवेरे जो राधेश्याम गाये
सारे जहाँ में गूँजे यही दो नाम
रटो राधेश्याम प्यारे ,,,,,,,
हर उलझन से ये ही बचाये
जहाँ भाव देखे वही दौड़े आये
हर पल उसका साथ निभाये
भाव से जो भी राधेश्याम गाये
कड 2 में है ये बसते दोनो एक साथ
रटो राधेश्याम प्यारे ,,,,,,,,,,
राधेश्याम गाये जा बन्दे
छोड़ जगत के सारे धंधे
अपने जन्म को सफल बनाले
ह्रदय में अपने इनको बसाले राही,
इनके चरणों का हुआ है गुलाम
रटो राधेश्याम प्यारे,,,,,,,