बरस रहा छम छम सावन होरी का

रंग घोले कोई भंग घोले कोई मस्ती में रहा झूम,
बरस रहा छम छम सावन होरी का

बजे ढोल मृदंग मजीरा, बजे बांस की पूरी
छनके पायल, छनके नुपुर, नाचे छोरा छोरी
रंग घोले कोई भंग घोले...

किसी के हाथ में केसर होरी, किसी के हाथ पिचकारी
किसी के पकडे रंग की बदर्यीया, किसी ने पुष्प की दारी
रंग घोले कोई भंग घोले...

हरो को झूमे नाचे गाये, बरस रही रास की धरा
रंगो के सावन में बेरंग रह गया मधुक बेचारा
रंग घोले कोई भंग घोले

download bhajan lyrics (1466 downloads)