एक डोर लग जाऊंगा गुराजी थारे, शरणा पड्या रहूँगा

एक डोर लग जाऊंगा गुराजी थारे, शरणा पड्या रहूँगा
एक डोर लग जाऊंगा गुराजी थारे, शरणा पड्या रहूँगा

पत्थर न पुजूं, पत्ता न पुजूं, ना कोई देव मनाउंगा
ठाठबाठ मैं बस थारी मूरत, उसी के आगे झूक जाउंगा|
एक डोर लग जाऊंगा गुराजी थारे

गंगा न जाऊँ, जमुना न जाऊँ, ना कोई तीर्थ नाहऊंगा
अड्सठ तीरथ, घट ही मैं गंगा, उसीसे  मलमल नाऊंगा
एक डोर लग जाऊंगा गुराजी थारे

औषद् ना पिऊं, बूटी ना पिऊं, ना कोई दर्द बताऊंगा
जद रीझे म्हारा सत्तगुरू सायब, उसीको नबज दिखाऊंगा
एक डोर लग जाऊंगा गुराजी थारे

सब रस छोड, एक रस चाखु, सत्त अमरापुर जाउंगा
शरण मछन्दर जति गोरख बोल्या, ब्रम्ह ज्योत मिल जाऊंगा
एक डोर लग जाऊंगा गुराजी थारे
download bhajan lyrics (727 downloads)