घडी एक ना ही आवडे तुम दर्शन बिन मो,
तुम हो मेरे प्राण जी थासु जीवन होए
नींद आवे चैन न आवे विरहा सतावे मोहे
घ्याल सी घुमात फिरू मेरा दर्द न जाने कोई
तुम दर्शन बिन मो,
जो मैं ऐसा जानती रे प्रीत की ये दुःख होए
नगर धिन्डोरा फेर ती रे प्रीत न करियो कोई
तुम दर्शन बिन मो,