भिखारी के घर में दाता पधारे,
बड़े ही अनोखे है भाग्ये हमारे,
भिखारी के घर में ....
करुणा का सिंधु आया है चल कर,
सागर ही आ गया प्यासे के दर पर,
आये थे राम जैसे भीलनी के द्वारे,
बड़े ही अनोखे है भाग्य हमारे,
भिखारी के घर में दाता पधारे,
कभी सोचता हु सच है या सपना,
सँवारे के लायक तो नहीं घर ये अपना,
टुटा सा घर है टूटी दीवारे,
बड़े ही अनोखे है भाग्य हमारे,
भिखारी के घर में दाता पधारे,
कहा मैं बिठाऊ क्या मैं खिलाओ,
स्वागत में इसको क्या पहनाऊ,
बिक्शा में सब कुछ इसी से मिला रे,
बड़े ही अनोखे है भाग्य हमारे,
भिखारी के घर में दाता पधारे,
सदा इसके दर पे जाता हु लेने,
आज मेरा सेठ खुद ही आया है देने,
बिनु तुम्हारे तो हुए वारे न्यारे,
बड़े ही अनोखे है भाग्य हमारे,
भिखारी के घर में दाता पधारे,