सूर्ये देव के लाल तुम छाया माँ का नाम,
शनि देव जी आप को बारम बार परनाम 
प्रभु जी बारम बार परनाम 
प्रभु तुम्ही पराम्भ हो और तुम ही हो अंत,
न्याय के तुम देवता शीतल हो अत्यन्त,
शनि बार दिन आप का तुम को प्रिये दिल दे 
घमंड और अभिमान पे कसते तुम ही नकेल 
साढ़े साती के ररूप में लेते हो इम्तेहान,
बचा नही कोई आप से देवीया भगवान 
ग्रहो में तूम श्रेष्ट हो उतम है अस्थान 
देते हो सब आप ही ज्ञान मान समान 
जो सुमिरे हनुमात्न को उस पे खुशहाल,
जो पूजे हनुमान को करते माला माल 
जो पड़े शनि चालीसा उसका हो कल्याण 
कलेह कलेश दूर हो उची हो पहचान