जटा कटा हसंभ्रम भ्रमन्निलिम्प निर्झरी,
विलोलवीचि वल्लरी विराजमान मूर्धनि
धगद् धगद् धगज्ज्वलल् ललाट पट्ट पावके
किशोर चन्द्र शेखरे रतिः प्रतिक्षणं मम '
कोन है वो कोन है वो, कहाँ से वो आया
चारों दिशाओ में तेज़ सा वो छाया,
उसकी भुजाएं बदले कथायें,
भागीरथ तेरी तरफ शिव जी चले,देख जरा ये विचित्र माया
कोन है वो कोन है वो,कहाँ से वो आया
चारों दिशाओ में तेज़ सा वो छाया,
उसकी भुजाएं बदले कथायें,
भागीरथ तेरी तरफ शिव जी चले,देख जरा ये विचित्र माया
जटा कटा हसंभ्रम भ्रमन्निलिम्प निर्झरी,
विलोलवीचि वल्लरी विराजमान मूर्धनि,
धगद् धगद् धगज्ज्वलल् ललाट पट्ट पावके
किशोर चन्द्र शेखरे रतिः प्रतिक्षणं मम ,
धरा धरेन्द्र नंदिनी विलास बन्धु बन्धुरस् ॥
फुरद् ध्रुगंत सन्तति प्रमोद मानमानसे
कृपा कटाक्ष धोरणी निरुद्ध दुर्धरापदि
क्वचिद् दिगम्बरे मनो विनोदमेतु वस्तुनि।
कोन है वो कोन है वो, कहाँ से वो आया
चारों दिशाओ में तेज़ सा वो छाया,
उसकी भुजाएं, बदले कथायें,
भागीरथ तेरी तरफ शिव जी चले,देख जरा ये विचित्र माया॥
लता भुजङ्ग पिङ्गलस् फुरत्फणा मणिप्रभा
कदम्ब कुङ्कुमद्रवप् रलिप्तदिग्व धूमुखे
मदान्ध सिन्धुरस् फुरत् त्वगुत्तरीयमे दुरे
मनो विनोद मद्भुतं बिभर्तु भूतभर्तरि,
कोन है वो कोन है वो, कहाँ से वो आया
चारों दिशाओ में तेज़ सा वो छाया,
उसकी भुजाएं, बदले कथायें,
भागीरथ तेरी तरफ शिव जी चले,देख जरा ये विचित्र माया ॥॥