ये आँखे बरस रही

ये आँखे बरस रही मेरी कन्हिया आया न
मिल्न को तरस रही बैरी कन्हियाँ आया न
वादे सारे टूट गए है काहे कन्हिया रूठ गए है
फिर भी मैंने प्यार तेरा ना भूलाया है,
ये आँखे बरस रही मेरी कन्हिया आया न

क्यों ये जुदाई का गम साहा जायेना
क्यों इक पल भी चैन मुझको अब आये न
तेरे संग जो वक़्त बिताया याद मुझे वो आता है
अब तो आजा हरजाई तू कितना रुलाता है
कैसे कलेजा तुझे चीर के दिखाऊ
मैंने खुद से भी ज्यदा तुझे चाहा है
ये आँखे बरस रही मेरी कन्हिया आया न

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