हमको बाबा कब बुलाओगे
अपने दर्शन दिखा के श्याम प्रभु
खाटू नगरी में कब घुमाओगे
हमको बाबा ...............
वो बहारें वो व्यास की रातें
हमने की थी वो शाम से बातें
उन बहारों की याद आती है
वो नज़रें कब दिखाओगे
हमको बाबा ...............
तेरे दर्शन बिना ये चैन ना था
इक ऐसा भी दौर आया था
खाटू आये बिना आराम ना था
मेरे दिल में तू समाया था
अब बुलालो अपने चरणों में
और कितना हमें तड़पाओगे
हमको बाबा ...............
हमने बाबा कभी ना सोचा था
ऐसे दिन भी हमें दिखाओगे
अपने दर्शन बिना हे श्याम प्रभु
कितने दिन और तुम लगाओगे
मैं खड़ा हूँ तुम्हारे दर्शन को
और कितना हमें सताओगे
हमको बाबा ...............