जैसे दिल्ली दिलवालों की, दिलवालों का श्याम,
प्रेम से बोलो जय बाबा की खाटू वाले श्याम..... 
दिल्ली के दिल के अंदर मेरे बाबा का है मंदर,
शृंगार इतना सुन्दर है क्या खूब सजाया मंदर, 
भारत की राजधानी में राज करे मेरा श्याम, 
प्रेम से बोलो जय बाबा की खाटू वाले श्याम..... 
मेरे सांवरिया को देखो बैठा खाटूवाला, 
सेठ सांवरा देखलो ये मोरछड़ी मतवाला, 
कमी नहीं है दानी की, मेरा शीश का दानी श्याम, 
प्रेम से बोलो जय बाबा की खाटू वाले श्याम..... 
ग्यारस का बाबा कीर्तन, कीर्तन में आनंद  बरसे, 
खुला दरबार खाटू का दर्शन में कृपा बरसे, 
बजती मुरली मेरे श्याम की सज्जन दिल्ली धाम, 
प्रेम से बोलो जय बाबा की खाटू वाले श्याम.....