मोरछड़ी श्याम की गज़ब ढा रही है

भगतो के मन को ये भरमा रही है,
मोरछड़ी श्याम की गज़ब ढा रही है,
संकट मिटा के ये लेहरा रही है,
मोरछड़ी श्याम की गज़ब ढा रही है,

मोरछड़ी सब के है संकट को टाले,
मोरछड़ी खोल देती मंदिर के ताले,
लीला इसकी कैसी ये सब को भा रही है,
मोरछड़ी श्याम की गज़ब ढा रही है,

इस का झाड़ा जिस को भी जरा सा लग जाये,
दुखड़े सत्याए न विपदा कोई आये,
दर्श पाके दुनिया इसके मुश्का रही है,
मोरछड़ी श्याम की गज़ब ढा रही है,

सँवारे के सिर का ताज ये कहाये,
खाटू के धाम  की शोभा है बढ़ाये,
सो बाते लाखो सब को दिए जा रही है,
मोरछड़ी श्याम की गज़ब ढा रही है,

शृंगार श्याम का ये यूही बढ़ाये,
कामना है दीपक की दुखड़े सब मिटाये,
मंजीत पे मस्ती ये क्या छा रही है,
मोरछड़ी श्याम की गज़ब ढा रही है,
download bhajan lyrics (709 downloads)